छहढाला में मुनियों के 18000 शील संकल्प-रुप कहे हैं। पूर्णता तो अयोग-केवली के होती है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (शंका समाधान – 44)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने शील को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने शील को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।