सच्चे देव, गुरु, शास्त्र के प्रति राग – शुभोपयोग
उनके गुणों को अपने में उतारना – शुद्धोपयोग
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उक्त कथन सत्य है कि सच्चे देव, गुरु, शास्त्र के प़ति राग होना अथवा श्रद्वा होना शुभोपयोग होता है।लेकिन इनके गुणो को उतारने को शुद्वोपयोग कहते है।अतः जो सच्चे देव, गुरु और शास्त्र पर राग रखता है वह अपने जीवन में गुणो को उतारने का प़यास करता है वही शुद्वोपयोग कहलाता है।
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उक्त कथन सत्य है कि सच्चे देव, गुरु, शास्त्र के प़ति राग होना अथवा श्रद्वा होना शुभोपयोग होता है।लेकिन इनके गुणो को उतारने को शुद्वोपयोग कहते है।अतः जो सच्चे देव, गुरु और शास्त्र पर राग रखता है वह अपने जीवन में गुणो को उतारने का प़यास करता है वही शुद्वोपयोग कहलाता है।