तपस्वी मुनियों को आहार देने से उच्च कुल मिलता है।
भक्ति से सुंदरता।
पूजा/स्तवन से कीर्ति।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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4 Responses
मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि शुभ कर्म में तपस्वी मुनियों को आहार दान देने से उच्च कुछ मिलता है? भक्ति से सुंदरता एवं पूजा एवं स्तवन से कीर्ती मिलती है!
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मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि शुभ कर्म में तपस्वी मुनियों को आहार दान देने से उच्च कुछ मिलता है? भक्ति से सुंदरता एवं पूजा एवं स्तवन से कीर्ती मिलती है!
‘पूजा/स्तवन’ kya ‘भक्ति’ ka hi form nahi hai ?
एक व्यक्ति घंटों पूजा करता हो/ Professional गाने वाला बड़े सुर में गा रहा हो, तो क्या उनके भक्ति भाव होना आवश्यक होगा ?
Okay.