श्रद्धा
श्रद्धा बेशक और बेतर्क होनी चाहिये,
श्रद्धा की ज्योति अपनी ही सांसों से बुझती है,
अहंकार से श्रद्धा गिर जाती है,
अहंकार और स्वाभिमान छोड़कर, हमको निरभिमान पर पहुँचना है,
सही स्थान पर श्रद्धा हमारे उत्थान में कारण और खोटे स्थान पर अवनति का कारण है ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
2 Responses
Faith truly has a lot of power.No wonder faith in the right direction can lead us to “Moksha” and wrong faith and ego can lead us to destruction. Samyagdarshan ki jai ho.
HariBol
HariBol
HariHariBol