पंचमकाल में श्रमण और श्रावक दोनों ही 16 स्वर्ग तक ही जा सकते हैं, तो श्रमण बनकर इतना कष्ट क्यों सहा जाय ?
श्रमण स्वर्ग जाने के लिये तप नहीं करते बल्कि कर्मों की सत्ता कम करने के लिये करते हैं ।
मुनि श्री महासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि श्रमण और श्रावक दोनों ही पंचमकाल में 16 वे स्वर्ग तक जा सकते हैं। लेकिन यह कथन सत्य है कि श्रमण स्वर्ग जाने के लिए नहीं बल्कि कर्मों की सत्ता कम करने का प्रयास करते हैं।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि श्रमण और श्रावक दोनों ही पंचमकाल में 16 वे स्वर्ग तक जा सकते हैं। लेकिन यह कथन सत्य है कि श्रमण स्वर्ग जाने के लिए नहीं बल्कि कर्मों की सत्ता कम करने का प्रयास करते हैं।