सल्लेखना
सल्लेखना करने वाले के साथ अधिक से अधिक ४८ मुनि रहते हैं।
इनके कार्य हैं – 4 – सहारा देने के लिये, 4 – धर्मोपदेश (रात को भी, इनके लिये सामायिक/प्रतिक्रमण भी जरूरी नहीं), 4 – स्थूल आहार की व्यवस्था, 4 – पेय आहार, 4 – शोधन, 4 – मलमूत्र सेवा, 4 – सुरक्षा, 4 – धर्मसभा, 4 – रात्री पहरा, 4 – इनकी (सुरक्षा करने वालों की) सुरक्षा के लिये, 4 – समाचार-पत्रों की प्रतिक्रिया, 4 – वादविवाद के लिये।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
One Response
मुनि श्री क्षमासागर महाराज जी ने सल्लेखना का जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! मुनियों को सल्लेखना में उपरोक्त बातों में ध्यान रखना आवश्यक है!