संसार

संसार रोग रूप है जैसे रोग को ठीक करने के लिये –
1. रोग का स्वरूप जानना होता है।
2. कारण भी जानना होगा।
3. उससे बचने का साधन मालुम करने से ही रोग से मुक्ति पा सकते हैं।
संसार से मुक्ति पाने का भी यही क्रम/विधि है।

कमलकांत

Share this on...

One Response

  1. संसार का तात्पर्य संसरण या आवागमन करने को कहते हैं,जिसका अर्थ परिभ्रमण या परिवर्तन है इसमें पंच परिवर्तन ही संसार है। उपरोक्त कथन सत्य है कि संसार रोग रुप होता है इस रोग को ठीक करने के लिए, इसमें रोग स्वरुप जानना होता है,इसका कारण भी जानना होगा। इससे बचने का साधन मालुम करने पर ही रोग से मुक्ति पा सकते हैं। संसार से मुक्ति पाने के लिए मोक्ष मार्ग पर चलना आवश्यक है ताकि कल्याण हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

June 29, 2022

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031