अनाज का अकाल होने से मानव समाप्त, संस्कार के अकाल से मानवता समाप्त।
मन में संस्कार हों तब हाथ में माला ना भी हो तो चल जायेगा।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि अनाज का अकाल होने से मानव समाप्त, जबकि संस्कार के अकाल से मानवता समाप्त! अतः यदि जीवन में मन में संस्कार हो तो हाथ में माला भी न हो चल सकता है! अतः जीवन में संस्कार होना आवश्यक है ताकि जीवन में कल्याण हो सकता है!
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उपरोक्त कथन सत्य है कि अनाज का अकाल होने से मानव समाप्त, जबकि संस्कार के अकाल से मानवता समाप्त! अतः यदि जीवन में मन में संस्कार हो तो हाथ में माला भी न हो चल सकता है! अतः जीवन में संस्कार होना आवश्यक है ताकि जीवन में कल्याण हो सकता है!