सकारात्मकता

मुंबई के अतिशय(12 वर्षीय) को बड़े और मित्र अलग-अलग नाम रख-रख कर चिढ़ाते थे, उसे बहुत बुरा लगता था ।
कुछ दिन पहले वह अपनी दादी से बोला…
अब मुझे नये-नये नाम बुरे नहीं लगते, क्योंकि भगवान के भी तो 1008 नाम होते हैं । जिस दिन मेरे 1008 नाम हो जायेंगे, मैं भी भगवान बन जाउंगा ।

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One Response

  1. जीवन में सकारात्मक भाव रहना आवश्यक है। जीवन में किसी भी परिस्थिति में जो सकारात्मक भाव रखता है वह जीवन में विचलित नहीं होता है। जो नकारात्मक भाव रखता है वह कभी भी अपना कल्याण नहीं कर सकता है। जो उदाहरण दिया गया है वह सत्य है।

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