सकारात्मकता
पतली पगंडडी पर दो बकरियां आमने-सामने आ गयीं ।
एक बैठ गयी, दूसरी उसके ऊपर से निकल गयी ।
वरना एक या दोनों गिरतीं/गिराईं जातीं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
पतली पगंडडी पर दो बकरियां आमने-सामने आ गयीं ।
एक बैठ गयी, दूसरी उसके ऊपर से निकल गयी ।
वरना एक या दोनों गिरतीं/गिराईं जातीं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक सोच, विचार आदि होते हैं लेकिन सकारात्मक सोच विचार वाले ही लोग अपने जीवन का कल्याण करने में समर्थ होते हैं।
अतः उपरोक्त उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है कि सकारात्मक सोच के कारण ही बकरियां एक दूसरे के ऊपर से निकल गईं थीं अन्यथा झगड़ा भी हो सकता था।