सकारात्मकता

ना, मत बोलो,
“हाँ” की कूबत देखो,
दंग रह जा।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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4 Responses

  1. आचार्य विद्यासागर महाराज जी ने सकारात्मकता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए हमेशा सकारात्मकता के भाव रखना परम आवश्यक है।

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