घड़ी बंद करने से घड़ी तो बंद हो सकती है, पर समय नहीं;
झूठ छिपाने से झूठ तो छुप सकता है, पर सत्य नहीं ।
आचार्य श्री सन्मति सागर जी
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सत्य का मतलब राग, द्वेष या मोह से प्रेरित होकर सब प्रकार के झूठ वचनों का त्याग और आगम के अनुसार बोलना ही होता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि घड़ी बंद करने से घड़ी बंद हो सकती है लेकिन समय बंद नहीं होता है। इसी प्रकार झूठ छिपाने से झूठ तो छिप सकता है लेकिन सत्य नहीं छिप सकता है ।
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सत्य का मतलब राग, द्वेष या मोह से प्रेरित होकर सब प्रकार के झूठ वचनों का त्याग और आगम के अनुसार बोलना ही होता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि घड़ी बंद करने से घड़ी बंद हो सकती है लेकिन समय बंद नहीं होता है। इसी प्रकार झूठ छिपाने से झूठ तो छिप सकता है लेकिन सत्य नहीं छिप सकता है ।