हम इतना समझाते हैं पर कोई भी समझता क्यों नहीं ?
चोर चोर की समझता नहीं है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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यह कथन बिलकुल सत्य है। आजकल जो लोग जिस वातावरण में जीवन जीते हैं वह उसी तरह की भाषा में समझता है। जो धम॓ से जुडकर रहते हैं वही लोगों को समझ में आ सकता है। अतः उचित होगा कि धम॓ से जुडने का प्रयास करें तभी जीवन का कल्याण होगा।
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यह कथन बिलकुल सत्य है। आजकल जो लोग जिस वातावरण में जीवन जीते हैं वह उसी तरह की भाषा में समझता है। जो धम॓ से जुडकर रहते हैं वही लोगों को समझ में आ सकता है। अतः उचित होगा कि धम॓ से जुडने का प्रयास करें तभी जीवन का कल्याण होगा।