दूसरे की पीड़ा ख़ुद में महसूस करना ।
तड़पता देखता हूँ कोई शय (जीव),
उठा लेता हूँ, अपना दिल समझकर ।
Share this on...
One Response
ख़ुद की पीडा तो, हर प्राणी महसूस करता है, लेकिन दूसरे की पीडा जब आप महसूस करेंगे, उसी को समानुभूति कहते हैं ।इसलिए, दूसरों की पीडा जब अपने दिल में आ जावेगी, तब आपका भविष्य उज्ज्वल होगा ।
One Response
ख़ुद की पीडा तो, हर प्राणी महसूस करता है, लेकिन दूसरे की पीडा जब आप महसूस करेंगे, उसी को समानुभूति कहते हैं ।इसलिए, दूसरों की पीडा जब अपने दिल में आ जावेगी, तब आपका भविष्य उज्ज्वल होगा ।