ढ़ंके भागों में सम्मूर्च्छन से ज्यादा उत्पत्ति होती है, इसीलिये स्त्रियों में सम्मूर्च्छन से ज्यादा उत्पत्ति होती है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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सम्मूर्छन जन्म—-जो स्वयमेव वातावरण से सब ओर से शरीर के योग्य पुदगल परमाणुओ को ग़हण करके जीवों का जन्म होता है।अतः ढ़के भागो मे सम्मूर्छन से ज्यादा उत्पति होती है, इसलिये स्त्रीयो में सम्मूर्छन से ज्यादा उत्पति होती है।
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सम्मूर्छन जन्म—-जो स्वयमेव वातावरण से सब ओर से शरीर के योग्य पुदगल परमाणुओ को ग़हण करके जीवों का जन्म होता है।अतः ढ़के भागो मे सम्मूर्छन से ज्यादा उत्पति होती है, इसलिये स्त्रीयो में सम्मूर्छन से ज्यादा उत्पति होती है।