सम्यक्त्व और आश्रव

सम्यक्त्व तो आश्रव का कारण होता नहीं है, फिर देवायु में कारण क्यों कहा है ?

सम्यग्द्रष्टि जीव जब आयुबंध करता है तब देवायु का ही आश्रव होता है, इस अपेक्षा से कहा है ।

तत्वार्थ सुत्र टीका – पं. कैलाशचंद्र जी

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