सम्यक् लब्धि/विशुद्धता

कर्मों की निर्जरा सम्यक् लब्धि की तुलना में विशुद्धता से ज्यादा होती है ।
जैसे उपशम श्रेणी के 8, 9, 10 गुणस्थान वाले से क्षपक श्रेणी के 8, 9, 10 गुणस्थान वाले की निर्जरा असंख्यात गुणी होती है ।

पं. रतनलाल बैनाड़ा जी

Share this on...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

June 8, 2014

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031