हथौड़ी कांच पर गिरे तो चकनाचूर, सोने पर गिरे तो चमक ।
हम क्या हैं ?
और
क्या बनना चाहते हैं ?
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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सहनशीलता जीवन का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। जो लोग सहने की क्षमता रखते हैं वही लोग अपना कल्याण कर सकते हैं। हथोडी से सोने पर मारने से उसकी चमक बढती रहती है। अतः सोने की तरह बनने का प़यास करना चाहिए ताकि कल्याण हो सके। यदि शीशे की तरह होगे तो जीवन चूर चूर हो जावेगा।
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सहनशीलता जीवन का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। जो लोग सहने की क्षमता रखते हैं वही लोग अपना कल्याण कर सकते हैं। हथोडी से सोने पर मारने से उसकी चमक बढती रहती है। अतः सोने की तरह बनने का प़यास करना चाहिए ताकि कल्याण हो सके। यदि शीशे की तरह होगे तो जीवन चूर चूर हो जावेगा।