सामायिक संयम सब संयमों (प्राणी, इंद्रिय, अहिंसादि – 5 व्रत) का संग्रह है। बड़ी कठिनाई से प्राप्त होता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीव काण्ड : गाथा – 470)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने सामायिक संयम को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *
Website
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...In order to pass the CAPTCHA please enable JavaScript.
One Response
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने सामायिक संयम को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।