सामूहिक पूजन
सामूहिक पूजन आदि में एक लाइन एक पक्ष, दूसरी लाइन दूसरा पक्ष गाता है तो सुनते समय ज्यादा मन लगता है/भाव आते हैं क्योंकि सुनते समय उपयोग बोलने में नहीं रहता ।
चिंतन
सामूहिक पूजन आदि में एक लाइन एक पक्ष, दूसरी लाइन दूसरा पक्ष गाता है तो सुनते समय ज्यादा मन लगता है/भाव आते हैं क्योंकि सुनते समय उपयोग बोलने में नहीं रहता ।
चिंतन