सिद्धों में अनन्त वीर्यत्व, दूसरे पदार्थों के द्वारा प्रतिघात ना हो पाने की अपेक्षा घटित होता है ।
आर्यिका श्री विज्ञानमति माताजी
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सिद्ध का मतलब समस्त आठ कर्मों के बन्धनों को जिन्होंने नष्ट कर दिया,ऐसे परमात्मा ही नित्य/ निरंजन होते हैं। अतः उक्त कथन सत्य है कि सिद्धों में अनन्त वीर्यत्व, दूसरे पदार्थों के द्वारा प़तिघात ना हो पाने की अपेक्षा घतित होता है।
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सिद्ध का मतलब समस्त आठ कर्मों के बन्धनों को जिन्होंने नष्ट कर दिया,ऐसे परमात्मा ही नित्य/ निरंजन होते हैं। अतः उक्त कथन सत्य है कि सिद्धों में अनन्त वीर्यत्व, दूसरे पदार्थों के द्वारा प़तिघात ना हो पाने की अपेक्षा घतित होता है।