कॉफी हाऊस के मालिक को सिर दर्द हुआ, दवा लेने सामने कैमिस्ट मित्र की दुकान पर गये ।
मित्र के ना मिलने पर पता लगा – उनके सर में दर्द था सो वे सामने वाली दुकान पर कॉफी पीने गये हैं ।
हम सब भी अपने दु:खों की दवा बाहर ही ढ़ूँढ़ते ?
(पारुल – दिल्ली)
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आजकल की बिड़ंबना है कि दुखों की दवा बाहर से ढूढने का प़यास करते हैं। जीवन में सुख की तलाश स्वयं में ही , यदि सन्तुष्टी और आत्मविश्वास रखते हैं तो उनको बाहर ढूढने की आवश्कता नहीं होगी।अतः जीवन में सुखों के लिए आत्म सन्तुष्टी होना चाहिए।
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आजकल की बिड़ंबना है कि दुखों की दवा बाहर से ढूढने का प़यास करते हैं। जीवन में सुख की तलाश स्वयं में ही , यदि सन्तुष्टी और आत्मविश्वास रखते हैं तो उनको बाहर ढूढने की आवश्कता नहीं होगी।अतः जीवन में सुखों के लिए आत्म सन्तुष्टी होना चाहिए।