सुख-दु:ख
घटना घटना होती है, उसका सुख-दु:ख से सम्बंध नहीं होता है ।
वरना बड़े बड़े ऑपरेशन हो ही नहीं सकते थे ।
ऐनसथिसिया देकर दर्द के दु:ख को चेतना/दिमाग/मन से अलग करके बिना दर्द/दु:ख के ऑपरेशन कर दिये जाते हैं ।
हम अन्य घटनाओं से मन/दिमाग हटा लें तो दु:ख भी नहीं होगा ।
आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी
3 Responses
सुख दुःख तो हर जीव को होता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि घटना घटना होती है,इसका सुख दुःख से सम्बन्ध नहीं होता है। अतः यदि इन घटनाओं को मन दिमाग से हटा लें तो दुःख नहीं होगा।सुख दुःख तो संयोग मात्र होते हैं, इसमें समता भाव से स्वीकार कर लेना चाहिए ताकि सुख दुख के भाव समाप्त हो सकते हैं।
घटना को कर्म फल मान सकते है ?
सही,
पापोदय से दुखद और पुण्योदय सुखद घटनाआयें घटित होतीं हैं।