स्वाध्याय को परम-तप कहा, तो सिर्फ स्वाध्याय करते रहने में क्या हानि ?
यदि प्रश्नपत्र में पहला प्रश्न अनिवार्य हो, तो क्या 3 घंटे उसी को करते रहने से पास होगे ?
छहों(षट-आवश्यक) प्रश्न attempt करने होंगे, तब पास होगे ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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One Response
आत्महित की भावना से सत शास्त्र का वाचन करना, मनन करना या उपदेश आदि देना अथवा आलस्य छोड़कर ज्ञान की आराधना में तत्पर रहना, यह स्वाध्याय तप होता है।
स्वाध्याय के पांच भेद होते हैं । मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि स्वाध्याय परम तप कहा गया है । अतः यह कथन भी सत्य है कि सिर्फ तीन घन्टे में अनिवार्य प़शन में ही लगे रहने से पास नहीं हो सकते हो जब तक सभी प़श्न हल नहीं करते हो।
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आत्महित की भावना से सत शास्त्र का वाचन करना, मनन करना या उपदेश आदि देना अथवा आलस्य छोड़कर ज्ञान की आराधना में तत्पर रहना, यह स्वाध्याय तप होता है।
स्वाध्याय के पांच भेद होते हैं । मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि स्वाध्याय परम तप कहा गया है । अतः यह कथन भी सत्य है कि सिर्फ तीन घन्टे में अनिवार्य प़शन में ही लगे रहने से पास नहीं हो सकते हो जब तक सभी प़श्न हल नहीं करते हो।