उपरोक्त कथन सत्य है कि ऊंच नीच को नहीं मानती है, क्योंकि इसमें केपीटल या स्माल शब्द नहीं सोते समय। अतः साथ ही आधे अक्षर को सहारा लेकर पूरा शब्द तैयार रहता है। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी द्वारा भी भारत वर्ष के लिए हिंदी का उपयोग होना चाहिए।सभी लोग मातृभाषा को उपयोग करना चाहिए, जिससे किसी भी भाषा में नहीं सीख सकता है। आजकल मेडिकल, इन्जीनियरों के लिए भी मातृभाषा का उपयोग करने का शाशन का प्रयास हो रहा है। अतः सभी के लिए गर्व की बात है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि ऊंच नीच को नहीं मानती है, क्योंकि इसमें केपीटल या स्माल शब्द नहीं सोते समय। अतः साथ ही आधे अक्षर को सहारा लेकर पूरा शब्द तैयार रहता है। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी द्वारा भी भारत वर्ष के लिए हिंदी का उपयोग होना चाहिए।सभी लोग मातृभाषा को उपयोग करना चाहिए, जिससे किसी भी भाषा में नहीं सीख सकता है। आजकल मेडिकल, इन्जीनियरों के लिए भी मातृभाषा का उपयोग करने का शाशन का प्रयास हो रहा है। अतः सभी के लिए गर्व की बात है।