सुबह के समय निर्दो॓ष दृष्टि के बाबत विचार रखा था। होली के त्योहार का मतलब अपने अन्दर की बुराइयों को जलाओ एवं प़ेम से एक दूसरे को गले लगाकर आनन्द एवं प़सन्नता से रहने का प्रयास करें। जैन धर्म में होली का कोई महत्व नहीं है, ना ही होली जलना चाहिए क्योंकि यह हिंसा होगी। अतः उचित होगा कि केसर के रंग से खेलो एवं आनन्द से एक दूसरे से गले मिलो, यही साथॅक होगा।
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सुबह के समय निर्दो॓ष दृष्टि के बाबत विचार रखा था। होली के त्योहार का मतलब अपने अन्दर की बुराइयों को जलाओ एवं प़ेम से एक दूसरे को गले लगाकर आनन्द एवं प़सन्नता से रहने का प्रयास करें। जैन धर्म में होली का कोई महत्व नहीं है, ना ही होली जलना चाहिए क्योंकि यह हिंसा होगी। अतः उचित होगा कि केसर के रंग से खेलो एवं आनन्द से एक दूसरे से गले मिलो, यही साथॅक होगा।