ज़िन्दगी जन्म और मरण की सांसों में रहती हैं अतः जब समझ में आ जावे तो मेले में अकेला समझ आ जाता है तो अकेले में मेला नज़र आ सकता हैं। Reply
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ज़िन्दगी जन्म और मरण की सांसों में रहती हैं अतः जब समझ में आ जावे तो मेले में अकेला समझ आ जाता है तो अकेले में मेला नज़र आ सकता हैं।