Month: September 2010
उत्तम क्षमा
उत्तम क्षमा :- क्रोध की परिस्थितियां मिलने पर भी गुस्सा ना करना । हजार चिनगारियों के पास एक व्यक्ति भी नहीं आता, शहद की एक
Peace
Man asked Guru – I want peace. Guru Said – Remove that ‘I’ as that is Ego, remove that ‘Want’ as it is desire, and
वेदना- समुदघात
उत्कृष्ट- आत्मा का आकार शरीर के आकार से तीन गुणा तक हो जाता है । निगोदिया जीवों में यह तीन गुणा नहीं बढ़ता है ।
देवदर्शन
जो वस्तु देखी ही नहीं या यदा-कदा देखोगे, तो वैसे बनोगे कैसे ? क्षु. श्री गणेश वर्णी जी
ज़बाब
जो दूसरों को ज़बाब नहीं देता, वह लाज़बाब है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
Happiness
Make your anger so expensive that no one can afford it…. And make your happiness so cheap that people get it free from you.
तीर्थंकर-प्रकृति और सम्यग्दर्शन
तीर्थंकरों में शक्ति तीर्थंकर-प्रकृति की नहीं, मुख्यत: सम्यग्दर्शन की होती है, क्योंकि बिना सम्यग्दर्शन के यह प्रकृति बंधना ही बंद हो जाती है । एक
बड़े/छोटे
जब छोटे बड़े हो जायें, तब बड़ों को छोटा बन जाना चाहिये । चिंतन
बोल
इंसान को बोलना सीखने में 2 साल लग जाते हैं, लेकिन क्या बोलना है, ये सीखने में पूरी ज़िंदगी लग जाती है । (श्री धर्मेंद्र)
मुस्कुराहट
कोशिश करना कि ज़िंदगी में वो शख़्स आपको हमेशा मुस्कुराता हुआ मिले जो……….. आपको आईने में दिखता है………….. (श्री संजय)
Recent Comments