Day: October 26, 2010
कर्मभूमि/भोगभूमि
October 26, 2010
कर्मभूमि- कर्मप्रधान, जैसा कर्म वैसा फल । भोगभूमि- भोगप्रधान, जैसा भाग्य वैसा फल ।
व्यवस्था
October 26, 2010
व्यवस्था अपने जीवन को व्यवस्थित करने के लिये होती है, हर समय व्यवस्था के पीछे नहीं पड़े रहें कि आपका जीवन ही अव्यस्थित हो जाये
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