Day: October 29, 2010

क्षयोपशम

                 घातिया कर्मों का ही होता है । अघातिया तो उदय में आकर फल देकर झर जाते हैं । इसीलिये केवली के क्षयोपशम नहीं होगा

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ईर्ष्या

भक्त की प्रार्थना से खुश होकर देव प्रकट हुये, वरदान मांगने को कहा पर शर्त यह थी – जो भी तुम्हें दुंगा, उसका दुगना पड़ौसी

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मंगल आशीष

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October 29, 2010