Month: October 2010

परेशानी

किसी भी आइने में चेहरा ज्यादा देर तक नहीं रहता, परेशानियां भी ज्यादा देर तक नहीं रहती हैं ।

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Life/Teacher

Life is more stricter than a teacher. A teacher teaches a lesson and takes an exam. But life takes an exam and teaches a lesson….

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केवली के ध्यान

निर्जरा का कारण ध्यान है, केवली के निर्जरा तो होती है । पर ध्यान मन से होता है और केवली के भाव मन होता नहीं

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संसार की दुकान

किसी दुकान में जाते हो, वहां अच्छे बुरे सब सामान होते हैं । कुछ लोग अच्छे-अच्छे सामान Select करते हैं, कुछ लोग बुरे अथवा दौनों,

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माता/पिता

ज़िन्दगी में दो लोगों का बहुत ख्याल रखना  – वो जिसने तुम्हारी जीत के लिये बहुत कुछ हारा हो  – पिता वो जिसको तुमने हर

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कार्मण-वर्गणाऐं

कार्मण-वर्गणाऐं आठ स्वभाव वाली होती हैं, जैसे ज्ञानावरणी आदि । पर Category एक ही होती है । जैसे क्रिकेट की टीम एक Category की होती

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सात्विक क्रियायें

किसी मकान में पूरी ज़िन्दगी बिना मरम्मत के रहने का आपको हक है ? फिर इस शरीर को बिना सात्विक क्रियायों के और पौष्टिक आहार

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Truth/Life

Difference between Truth & Life – Truth is a debit card: Pay first & Enjoy later. Life is a credit card : Enjoy first &

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सुधारक

हल्दी, खांसी आदि कई बीमारी ठीक करती है पर सारे मसालों में सबसे पहले खराब होती है, उसे घुन जल्दी लगता है । जो दूसरों

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सप्त धातु

देवों के शरीर धातु रहित होते हैं । नारकियों के सड़ी धातुयें होती हैं । एक इंद्रिय के धातुयें होती ही नहीं हैं । दो

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मंगल आशीष

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October 24, 2010