Month: October 2010

भोग/धर्म

यदि भोगना ही है तो धर्म करते हुये भोगो । जैसे वृक्ष के फल तोड़कर खाना – धर्म, वृक्ष काटकर फल खाना – अधर्म ।

Read More »

Opportunity

Be grateful that you don’t have everything you want. It means that you still have an opportunity to be happier tomorrow than you are today

Read More »

सोना

सोना* इसलिये जरूरी है ताकि ‘समय’ पर, ‘समय’ के लिये जाग सकें । ( समय = Time तथा आत्मा ) सोना** इसलिये ज़रूरी है ताकि

Read More »

अपकर्षण/अवलंबनाकरण

अवलंबनाकरण-    परभव सम्बंधी आयु की स्थिति का अपकर्षण है । परभविक आयु का उदय नहीं होने से इसका उदयावलि के बाहर पतन नहीं होता, इसीलिये आयु

Read More »

Life

Life is like painting, Draw the lines with Prayers, Erase errors with Forgiveness, Dip the brush with lots of Patience, And colour it with Love.

Read More »

रिश्ते/रास्ते

रिश्ते और रास्ते एक सिक्के के दो पहलू हैं । कभी रिश्ते निभाते निभाते रास्ते बदल जाते हैं, कभी रास्ते पर चलते चलते रिश्ते बन

Read More »

Upset

One thing i have learn from LIFE is that, getting “UPSET“ will not help………… Always get “UP” and “SET” your GOALS, And things will become

Read More »

प्रदेश

सबसे कम प्रदेश, चक्षु इंद्रिय के होते हैं, इससे संख्यात गुणे, श्रोत इंद्रिय के, इससे कुछ अधिक, घ्राण इंद्रिय के, इससे संख्यात गुणे, रसना इंद्रिय

Read More »

झूठ

गांधी जी एक बच्चे के साथ भोजन कर रहे थे । बच्चे ने थाली में भोजन छोड़ दिया । गांधी जी ने उसकी थाली में

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives

October 9, 2010