Day: November 18, 2010

कल्पना

कल्पना अस्थिरता देती है । बिना पैर का पक्षी है, उड़ता तो बहुत है पर उतरता कहीं नहीं है । मुनि श्री सौरभसागर जी

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सम्यग्दर्शन

सौधर्म इन्द्र और राजा श्री राम आदि सारे बलभद्र महान सम्यग्दृष्टि होते हैं, सारे बलभद्र क्षायिक सम्यग्दृष्टि होने का नियम नहीं है । पं. रतनलाल

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मंगल आशीष

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