Month: November 2010

ममत्व

इस संसार को कैसे समझें कि यह मेरा नहीं है ? जो आपका था ही नहीं, उसे सोच-सोच कर कि ये आपका है, अपना मानने

Read More »

निरूत्साह

मौत के ड़र से नाहक परेशान हैं, आप ज़िंदा कहाँ हैं , कि मर जायेंगे ?

Read More »

क्रोध

आपे से बाहर होना, अपने स्वभाव से बाहर होना ।

Read More »

केवली का ज्ञान

केवली निश्चय नय से आत्मा को जानते हैं, व्यवहार नय से सब जानते देखते हैं । व्यवहार नय ‘पर’ के आश्रित तथा निश्चय नय ‘स्व’

Read More »

मनुष्य

मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो अधूरा पैदा होता है, फिर सम्पूर्णता के लिये पुरूषार्थ करके पूर्णता पाता है ।

Read More »

विनय

अब्राहम लिंकन ( अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ) छोटे से छोटे व्यक्ति के अभिवादन का ज़बाब Hat उतारकर बड़ी विनम्रता से देते थे । उनके

Read More »

खोना/पाना

दृष्टि यदि सही हो तो, संसार की कोई भी वस्तु खोने पर हम कुछ भी नहीं ‘खोते’, बल्कि शांति, आनंद और सुकून ‘पाते’ हैं, क्योंकि

Read More »

योग/उपयोग

आत्मा का जिस समय जो प्रयोग होगा वही योग तथा उपयोग होगा । आचार्य श्री विद्यासागर जी योग       –  मन, वचन काय की क्रियायें ।

Read More »

विनम्रता

सारी उंगलियां एक बराबर नहीं होतीं, पर जब वे झुक/मुड़ जातीं हैं तब सब बराबर हो जातीं हैं । (श्री मेहुल)

Read More »

Faith

Faith is a small word but has supreme implication. The problem with many is that they have doubt in their faith and having faith in

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

November 15, 2010

November 2010
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930