Day: January 31, 2011

सर्वघाती निषेक

क्षयोपशमिक भाव में सर्वघाती निषेकों का उदय नहीं होता, सिर्फ सत्ता में रहते हैं जैसे अचक्षु दर्शन, 5 अंतराय आदि का । पं. रतनलाल बैनाड़ा

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कर्म

कर्म तो रस्सी हैं , या तो काट लो, या बांध लो । (कटेंगे नहीं तो गले का फंदा बनते जायेंगे) चिंतन

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मंगल आशीष

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January 31, 2011

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