Month: January 2011

दु:ख

दूसरों के दु:ख में साझेदारी करें, अपने दु:ख में साहस रखें । (श्री सुनील)

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संसार/मोक्ष

चींटी चावल ले चली, बीच में मिल गयी दाल । कहि कबीर दोऊ ना चलें, एक लै दूजी ड़ार ।।

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Happiness

When one door of happiness closes, another opens; but often we look so long at the closed door that we do not see the one

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दैव/भाग्य

एक हिलते हुये जीर्णशीर्ण पुल पर एक भक्त ड़रता हुआ जा रहा था । दूसरी ओर देखा देव खड़े हैं । उसने सहायता के लिये

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दरिद्रता और दरिंदता

धन दौलत की दरिद्रता से तो छोटी मोटी गिरावट आ सकती है, पर मानसिक दरिद्रता, दरिंदता की ओर ले जाती है । (यानि दरिंदा बना

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Wisdom

A person who walk with his legs reaches his destination, But A person who walks with his brain, reach his destiny. (Shri R.B. Garg)

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परदृष्टि

टाइम-टेबिल का प्रयोग हमारी जीवन की गाड़ी को नियमित करने के लिये होना चाहिये, ना कि दूसरे की गाड़ियों के देर से चलने की सूचना

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आदत

किसी मेंढ़क को थोड़े से भी गर्म पानी में ड़ाला जाये, तो वह कूद कर बाहर आ जाता है । पर मेंढ़क जिस पानी के

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पुरूषार्थ और अनुशासन

कैलेन्ड़र का महत्त्व पुरूषार्थी और अनुशासित व्यक्तियों के लिये है । बाकि सब तो दिन, महीनों और पूरे जीवन को बिना देखे ही गंवाते रहते

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जीवत्व

व्यवहार नय से जिनके 10 प्राण हों, निश्चय नय से जिनके चेतना हो । व्यवहार नय से सिद्ध, जीव नहीं होते । अशुद्ध पारिणामिक –

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मंगल आशीष

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