Day: February 18, 2011
सत्यधर्म
February 18, 2011
धर्म तो सत्य है ही, फिर धर्म के आगे ‘सत्य’ लगाने की क्या ज़रूरत है ? क्योंकि आज असत्य को भी धर्म कहने लगे हैं
धर्म तो सत्य है ही, फिर धर्म के आगे ‘सत्य’ लगाने की क्या ज़रूरत है ? क्योंकि आज असत्य को भी धर्म कहने लगे हैं
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