Month: February 2011

तप

मुनि श्री पावनसागर जी का आहार पिछले 11 दिनों से नहीं हुआ है । मुनि श्री अहमदाबाद में हैं, उनकी विधि (नियम) नहीं मिल रही

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Honesty

Honesty is very expensive GIFT ! Don’t expect it from CHEAP PEOPLE……… (Mr. Mehul)

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क्रोध

क्रोध करने का अर्थ है दूसरों की गलतियों की सज़ा खुद को देना । आचार्य श्री विद्यासागर जी ( श्री कल्पेश भाई )

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ख़ुदा

वह इंसान ही क्या, जो ऐश में याद-ए-ख़ुदा ना रक्खें, और जो तैश में ख़ौफ़-ए-ख़ुदा ना रक्खे । श्री बहादुर शाह ज़फ़र (श्री सुनील)

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व्रत/नियम

व्रत/नियम ड़ोरी हैं – भगवान और भक्त के बीच में, ड़ोरी ही सुई को खोने नहीं देती है ।

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आयुबंध का अनुभाग

इंद्र और सामानिक देवों की आयु, शक्ति आदि बराबर होती है, पर इंद्र की आज्ञा में रहना होता है । दौनों की आयु की स्थिति बराबर

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सत्संग

ज्ञानी बिना सत्संग के दीमक जैसा है, जो शास्त्रों को खा तो जाते हैं पर उससे उनका उत्थान नहीं होता, सिर्फ पेट भरता है ।

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गुरू

कुछ लोग गुरू से नाराज़ ही रहते हैं क्योंकि वे Rude होते हैं । सोते हुये को जो जगाता है, उससे नादान, प्रमादी, अज्ञानी लोग

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गोबर

गोबर सबसे गंदी मानी हुई चीज है, पर यह भी खाना बनवाने में सहयोग देता है, लीपने के काम आता है । हम ? क्या

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मंगल आशीष

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