Day: March 26, 2011
निर्वाण
March 26, 2011
दीपक बुझाना नहीं है, जले हुऐ दीपक का महत्त्व समाप्त हो जाता है क्योंकि सवेरा हो गया है। श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर
दीपक बुझाना नहीं है, जले हुऐ दीपक का महत्त्व समाप्त हो जाता है क्योंकि सवेरा हो गया है। श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर
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