Day: March 30, 2011

भव्य/अभव्य

औरों के घर की धूप उसे क्यों पसंद हो, देख ली हो रोशनी जिसने अपने मकान की ।……….(भव्य) या बेच दी हो रोशनी जिसने अपने

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मंगल आशीष

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March 30, 2011