Day: May 21, 2011

क्षमा

क्षमा रूपी तलवार जिसके हाथ है, दुर्जन उसका क्या कर सकता है। जैसे ईंधन से रहित स्थान में पड़ी हुई अग्नि स्वयं ही शांत हो

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परमावधि/सर्वावधि

सर्वावधि की अपेक्षा परमावधि में कथंचित देशावधिपना है। वैसे परमावधि तथा सर्वावधि चरमशरीरी संयतों के ही होता है। जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश-1/195

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मंगल आशीष

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May 21, 2011