Month: June 2011
भगवान/गुरू
पृथ्वी का वह भाग अंधकारमय हो जाता है जिसका सूर्य की ओर मुँह नहीं होता है ।
सफलता की कुंजी
Goal का स्पष्ट निर्धारण । गति बनाए रखना । गुरू/सत्संगियों से guidance लेना । अनुकम्पा के भाव रखना । आचार्य श्री महाश्रमण जी
Blame
Why blame anyone in our life. When good people give happiness, Bad people give experience, Worst people give a lesson & best people , key
पुण्य
वैभव और सफलता, मेहनत और ज्ञान से ही नहीं मिलती, वरना मज़दूर और पंड़ितों के पास होतीं । इनके मिलने का मुख्य कारण है –
दसवें से बारहवें गुणस्थान में परीषह
दसवें से बारहवें गुणस्थान में चौदह परीषह संभव हैं । दसवें गुणस्थान में मोहनीय समाप्त तो नहीं हुई पर मात्र सत्ता में है, इसलिये इसमें
पंचतंत्र
बुद्धू राजकुमारों को पढ़ाने के लिये पंचतंत्र की कहानियों की रचना की गयी थी । हमको पढ़ाने के लिये महाभारत, रामायण आदि प्रथमानुयोग के ग्रंथ
सामर्थ्य
जानवरों की सामर्थ्य मुँह से भोजन करने की है, और मनुष्य की सामर्थ्य हाथों से । मनुष्य होकर भी यदि कोई सीधा मुँह से ही
LIFE
Beautiful life is just an imagination. But real life is more beautiful than imagination.. Life is yours… So Live and Love it. (Shri Sanjay)
अपर्याप्तकों के क्षयोपशम-सम्यग्दर्शन
यदि पूर्व में आयु बंध कर लिया हो तो, कृतकृत्यवेदी-क्षयोपशम-सम्यग्दृष्टि चारौं गतियों में जा सकता है । सामान्य-क्षयोपशम-सम्यग्दृष्टि नारकी से मनुष्य, तिर्यंच से देव, मनुष्य से
तप
जिसे पकना है उसे तप से तपना जरूरी है, क्योंकि जो तपता नहीं वो पकता नहीं है । मुनि श्री तरुणसागर जी
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