Day: August 4, 2011

स्थायी ख़ुशी

प्रियजनों का सामीप्य मिले तो ख़ुशी मिलती है न ? यदि भगवान को प्रिय बनालो तो हर समय ख़ुशी ही ख़ुशी । चिंतन

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मंगल आशीष

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August 4, 2011