Day: August 10, 2011

रस्साकशी

जब भी खींचातानी हो (चाहे बातों पर ही सही), हम भाग न लें । रस्साकसी में तो किसी ना किसी के चोट लगेगी ही, चाहे

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गुण-प्रत्यय/भव-प्रत्यय

गुण-प्रत्यय और भव-प्रत्यय दौनों ही अवधिज्ञानावरण के क्षयोपशम से होते हैं, तो फर्क क्या हुआ ? भव-प्रत्यय प्रकट होने में व्रत आदि कारण नहीं होते

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मंगल आशीष

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August 10, 2011