Month: August 2011

खोना/पाना

दृष्टि यदि सही हो तो संसार की कोई भी वस्तु खोने पर आप कुछ भी ‘खोते’ नहीं हैं, बल्कि ‘पाते’ हैं – शांति, आनंद, सुकून

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सच्चा गुरु

हम सबको सच्चे गुरु की तलाश होती है, सच्चा गुरु तब मिलता है जब हम सच्चे शिष्य बन जाऐं । मुनि श्री प्रतीकसागर जी

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हाथ फैलाना

बड़ों के सामने हाथ फैलाते हैं, बराबर वालों से हाथ मिलाते हैं, भगवान के सामने हाथ जोड़ लेते हैं । (बस अब और कुछ नहीं

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एकता

तिनके एक हो गये तो झाड़ू बन घर के कचरे को बाहर निकाल देते हैं । तिनके बिखर जाऐं तो कचरा बन जाते हैं ।

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समयाभाव

कुछ लोग हमेशा यह शिकायत करते हैं कि ‘वक्त नहीं मिलता’, शायद इस कथन से ही ‘कमबख़्त’ (कम वक्त) शब्द बना होगा । ऐलक श्री

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वातवलय में जीव

वातवलय में जीव पांचों प्रकार के एक इंद्रिय (बादर और सूक्ष्म) जीव पाये जाते हैं । जिज्ञासा समाधान – 8/10

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बुरी आदत

छोटी सी बुरी आदत, जैसे “पान खाना”, यह भी अपने और दूसरों के कपड़े, दीवारें, अपनी सेहत, सबको खराब करती है । तो बड़ी बड़ी बुरी

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मेहनत

मेहनत करने वालों को ही भगवान की रहमत मिलती है ।

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मंगल आशीष

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August 23, 2011