Month: August 2011

स्वतंत्रता

स्वतंत्रता तो अच्छी, पर स्वच्छन्दता नहीं । खाते देश का हैं, खाते विदेश में खोलते हैं ।

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रक्षाबंधन

जैन धर्म के अनुसार इसके दो महत्व हैं । 1. सांसारिक – स्त्री के बचपन में पिता संरक्षण देता है, युवावस्था में पति तथा वृद्धावस्था

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सत्ता

सत्ता का उपयोग सस्ते में मत गंवा देना । चिंतन

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धर्म

शरीर रूपी बर्तन में काई/गंदगी तो लगेगी ही, इसे धर्म की राख से रोज़ाना साफ करना होगा । मुनि श्री सौरभसागर जी

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रस्साकशी

जब भी खींचातानी हो (चाहे बातों पर ही सही), हम भाग न लें । रस्साकसी में तो किसी ना किसी के चोट लगेगी ही, चाहे

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गुण-प्रत्यय/भव-प्रत्यय

गुण-प्रत्यय और भव-प्रत्यय दौनों ही अवधिज्ञानावरण के क्षयोपशम से होते हैं, तो फर्क क्या हुआ ? भव-प्रत्यय प्रकट होने में व्रत आदि कारण नहीं होते

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Eye Donation

India’s total : Population                        =       118 Crore. Deaths per day               =       62,389 Births per day                 =

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विदाई

विदाई से पहले अंतरंग के गुणों की खुदाई कर लो । मुनि श्री सौरभसागर जी

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विश्व मैत्री दिवस

मैत्री भाव जगत में मेरा, सब जीवों से नित्य रहे । दीन दुखी जीवों पर मेरे, उर से करुणा-स्त्रोत बहे ।। रहे भावना ऐसी मेरी,

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भक्ति/आदर

 यदि  सिंदूर को पत्नी माथे पर धारण करले तो उस एक चुटकी सिंदूर से पत्नी से पति बंध जाता है । ऐसे ही भक्ति/आदर से

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मंगल आशीष

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August 14, 2011