Day: March 15, 2012

अचेतन/चेतन

कैसी विडंम्बना है ! अचेतन को हम चेतन के सुख-दुःख का कारण मानते हैं !! जैसे कार से सुख , न होने पर दुःख ।

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मंगल आशीष

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March 15, 2012