Month: October 2012

द्रव्यलिंगी

द्रव्यलिंगी मुनियों के गुणस्थान 1 से 5 तक होते हैं । पं. रतनलाल बैनाड़ा जी

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साधक

साधक तो प्रभावक होगा ही, पर प्रभावक बाधक भी हो सकता है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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सीमा

ज़िंदगी में उन Boundaries के अलावा कोई Boundaries नहीं होती, जो हम खुद तय करते हैं । (श्री धर्मेंद्र)

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क्षमाभाव

लफ़्ज़ ही एक ऐसी चीज़ है, जिसकी वज़ह से या तो इंसान दिल में उतर जाता है, या दिल से उतर जाता है । अगर

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मंगल आशीष

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October 4, 2012