Month: January 2013
राग
गुरू श्री क्षमासागर जी से पूछा – अपनी माँ को देखकर आपको राग नहीं होता ? गुरू श्री – सब माँ, बहनों को माँ मानने
भाग्य/पुरूषार्थ
इंतज़ार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वालों से बच जाता है । (श्री दीपक जैसवाल – ग्वालियर)
आत्माओं के भेद
1. मिथ्यादृष्टि (बहिरात्मा) – उत्कृष्ट – पहले गुणस्थान वाले मध्यम – दूसरे गुणस्थान वाले जघन्य – तीसरे गुणस्थान वाले 2. सम्यग्दृष्टि (अंतरात्मा) – जघन्य –
Saint/Sinner
All saints have a past and all sinners have a future. (Mrs. Ekta)
वैभव
पुण्योदय से वैभव कम भी हो सकता है,ज्यादा भी, पर चाह कम की ही; पापोदय से भी वैभव कम या ज्यादा हो सकता है, पर
सीखना/सिखाना
जिसे सीखने में रुचि है, उसे ही सिखाने का अधिकार है / वही सिखा सकता है।
Adaptability
It is not the strongest of the species that survives, not the most intelligent, it is the one that is most adaptable to change. (Dr.
गलती
“गलती” जीवन का एक पन्ना है, पर “रिश्ता” पूरी किताब है । जरूरत पड़ने पर गलती का पन्ना फाड़ देना लेकिन एक पन्ने के लिये
पैंसिल
पैंसिल जैसे बनें – गलती होने पर आसानी से मिटायी जा सके , और दोबारा सही लिखा जा सके । चिंतन
Success
Success is nothing but a few simple discipline practiced daily. Failure is nothing but a few small errors repeated daily. Sri. Kalpesh Khandhar
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