Day: April 2, 2013

भवविपाकी

जिन प्रकृतियों का फल भव-विशेष में ही होता है । यथार्थत: आयुकर्म की चारों प्रकृतियों को ही भवविपाकी माना है परन्तु गति नामकर्म, आयुकर्म का

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Priority

Decide your priorities in life, rest every thing works around them. Do not regret later since it was your prioritisation. (Mr.Sumant S.)

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मंगल आशीष

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April 2, 2013